हाथरस से एटा की तरफ जाने वाले रास्ते पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस सत्संग में हिस्सा लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को हुए एक बड़े हादसे में 121 लोगों की मौत हो गयी और दर्जनों अन्य घायल हो गए. पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी तक ने मामले को संज्ञान में लेकर पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने घटना की न्यायिक जांच का आदेश दे दिया है. सीएम योगी बुधवार को घायलों से मिलने भी पहुंचे थे. आइए जानते हैं कि किस तरह से यह हादसा हुआ.
100 बीघा खाली खेत में हुआ था आयोजन:-
हाथरस से एटा की तरफ जाने वाले रास्ते पर जीटी रोड के किनारे फुलरई के पास इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में आने वालें हजारों की संख्या में भक्तों को देखते हुए 100 बीघा खाली खेत पर सत्संग की व्यवस्था की गयी थी. हजारों लोगों के लिए खाने पीने की भी व्यवस्था की गयी थी. उत्तर प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली और हरियाणा से भी भी भारी संख्या में लोग कार्यक्रम में पहुंचे थे. कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि इस कार्यक्रम में एक लाख से अधिक लोग पहुंचे थे.
दलदली मिट्टी के कारण हुआ हादसा
हाल ही में हुए बारिश के कारण पानी भरने से मिट्टी दलदली हो गयी थी. दलदली मिट्टी होने के कारण लोगों के फिसलने का खतरा था. सड़क और खेत के बीच फिसलन भरी ढलान थी. क्यों कि आनन-फानन में खेत को आयोजन के लिए तैयार किया गया था. फसल कटने के बाद खेल खाली पड़ी थी. कार्यक्रम स्थल कोई सपाट मैदान की तरह नहीं था. खेत में प्राकृतिक तौर पर भी कई जगहों पर उतार-चढ़ाव होते हैं. कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों ने इस बात का ध्यान नहीं रखा था.